Tuesday 17 June 2014

मैं तेरा होना चाहता हूँ

मैं तुझसे मिलना चाहता हूँ
मैं तुझमें खोना चाहता हूँ
मैं तेरा होना चाहता हूँ।

Tuesday 10 June 2014

मैं इंसान

मैं इंसान
विना पहचान
दुनिया से अंजान
निकला हूँ।

हर बार उलझ जाती हैं, आँखें मेरी

हर बार उलझ जाती हैं , आँखें मेरी। पता नही, क्यों? वो मुस्कुराती है पलके झुकाती है शरमाती है।। अपना पता बताये बगैर ही चली जाती है।। और फिर,...