Sunday 14 December 2014

तेरे लिए

खत लिखते लिखते,
लिखना सीख गया मैं
तेरा नाम तो याद रहा,
अपना भूल गया मैं ।।

तेरी बातों पे हँसते हँसते,
हँसना सीख गया मैं
तेरा हँसना तो याद रहा,
अपना भूल गया मैं ।।

तेरा पीछा करते करते,
पीछे रह गया मैं
तेरा रास्ता तो याद रहा,
अपना भूल गया मैं ।।

यूँ गम पीते पीते,
पीना सीख गया मैं
तेरा जीना तो याद रहा,
अपना भूल गया मैं ।।

    ---किशन सर्वप्रिय 

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