Wednesday, 20 May 2015

खुदा की खुदाई


"जिसने खुदा चाहा, उसे खुदाई मिली;
जिसने चाही खुदाई, उसे खुदा मिला।"

तथ्यार्थ यह है कि वे लोग जो भगवान भरोसे भजन करते रहते हैं, उन्हे मज़दूरी और ग़रीबी से रूबरू होना पड़ता है। वहीं, वे लोग जो मेहनत परिश्रम करते हैं, उन्हे भगवान व उनकी कृपा सहित समस्त सांसारिक फल यथोचित मिल जातें हैं।

Monday, 11 May 2015

खुशियाँ खरीदने लगा हूँ

खुशियाँ, खरीदने जब से लगा हूँ,
जिंदगी मंहगी हो गयी है।

वर्ना जो शुकून.....

पेड़ की छाँव और
चारपाई की नींद में आता था....

लस्सी के गिलास और
मिस्सी रोटी में आता था....

चौदह इंच की टीवी और
चित्रहार, रंगोली में आता था....

माँ के दुलार और
बहिन के प्यार में आता था....

आजकल,
आता ही नहीं।
पता नहीं क्यूँ?
मैं ....
बाजार में भटकता रहता हूँ!!!

---किशन सर्वप्रिय 

हर बार उलझ जाती हैं, आँखें मेरी

हर बार उलझ जाती हैं , आँखें मेरी। पता नही, क्यों? वो मुस्कुराती है पलके झुकाती है शरमाती है।। अपना पता बताये बगैर ही चली जाती है।। और फिर,...