मुंह का पहला निबाला
जो माँ ने खिलाया
कुछ अलग स्वाद आया
फिर जो हमने मुंह बनाया
आज याद आता है
कभी हँसाता है,
तो कभी रुलाता है।
हर बार उलझ जाती हैं , आँखें मेरी। पता नही, क्यों? वो मुस्कुराती है पलके झुकाती है शरमाती है।। अपना पता बताये बगैर ही चली जाती है।। और फिर,...