Sunday 4 January 2015

दिल की बातें

क्या करूँ उन आँखों का
जो तुमसे लड़ गयी,
क्या करूँ उन बातों का
जो तुमसे हो गयी,
अब तो आँखों की बातें
दिल में उतर गयी।

ये आँखों की बातें,
आँखों से कहने दो
यूँ न नजरें चुराओ तुम।
ये दिल की बातें,
दिल को समझने दो
यूँ न धड़कन बढ़ाओ तुम।
आज जो होना है,
होने दो
यूँ न शरमाओ तुम।
अब मान भी जाओ तुम।।

---किशन सर्वप्रिय 

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