मुश्किल बडी हो जाती है तब,
जब हम छोटी छोटी मुश्किलों से बचते हैं।
जैसे सौ झूंठ बोलने पडते हैं तब,
जब एक झूंठ छुपाने की कोशिश करते हैं।।
मुश्किलों से बचके नही,
मुश्किलों से लडके ही लोग इतिहास रचते हैं।
जैसे लहरों से डरके नही,
लहरों को काटके ही पतवार किनारे लगते हैं।।
क्या हुआ अगर मुश्किल बडी है तो,
आओ हम मिलकर मुकाबला करते हैं।
अगर मुश्किल बडी है तेरी भी मेरी भी,
तो आओ डटकर मुकाबला करते हैं।।
---किशन सर्वप्रिय
जब हम छोटी छोटी मुश्किलों से बचते हैं।
जैसे सौ झूंठ बोलने पडते हैं तब,
जब एक झूंठ छुपाने की कोशिश करते हैं।।
मुश्किलों से बचके नही,
मुश्किलों से लडके ही लोग इतिहास रचते हैं।
जैसे लहरों से डरके नही,
लहरों को काटके ही पतवार किनारे लगते हैं।।
क्या हुआ अगर मुश्किल बडी है तो,
आओ हम मिलकर मुकाबला करते हैं।
अगर मुश्किल बडी है तेरी भी मेरी भी,
तो आओ डटकर मुकाबला करते हैं।।
---किशन सर्वप्रिय
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