ये
गुमनाम जिंदगी
अनजान चेहरा
बदनाम किस्मत
सुनसान अंधेरा...।
है फिर भी मेरा
सपना सुनहरा...।।
ये
पत्थर मूरत
बेजान सूरत
सर्वत्र बसेरा
अनृत रूप तेरा...।
है फिर भी मेरा
सपना सुनहरा...।।
ये
मन मतंग
तन तुरंग
अनंग इच्छा
उमंग सवेरा...।
है इसीलिए मेरा
सपना सुनहरा...।।
---किशन सर्वप्रिय
गुमनाम जिंदगी
अनजान चेहरा
बदनाम किस्मत
सुनसान अंधेरा...।
है फिर भी मेरा
सपना सुनहरा...।।
ये
पत्थर मूरत
बेजान सूरत
सर्वत्र बसेरा
अनृत रूप तेरा...।
है फिर भी मेरा
सपना सुनहरा...।।
ये
मन मतंग
तन तुरंग
अनंग इच्छा
उमंग सवेरा...।
है इसीलिए मेरा
सपना सुनहरा...।।
---किशन सर्वप्रिय
(मतंग-मदमस्त हाथी, तुरंग-बलवान घोडा, अनंग-मौजमस्ती, अनृत-झूंठ)
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