Sunday 6 August 2017

शायराना जिंदगी

सोचा न था,
जिंदगी
इस कदर
शायराना हो जायेगी।

स्टेशन
पहुँचने से पहले
गाड़ी रवाना हो जायेगी।

प्लेटफार्म पर खड़ी
गजल से
मुलाकात हो जायेगी।

आँखों की
आँखों से
गुजारिश-ए-गुफ्तगू हो जायेगी।

सिग्नल होते ही
दिल्ली से
चंडीगढ़ की
ट्रेन आ जायेगी।

और फिर
वो मुस्करायेगी,
पलकें झुकायेगी
और
चली जायेगी।

---किशन सर्वप्रिय 

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