सोचा न था,
जिंदगी
इस कदर
शायराना हो जायेगी।
स्टेशन
पहुँचने से पहले
गाड़ी रवाना हो जायेगी।
प्लेटफार्म पर खड़ी
गजल से
मुलाकात हो जायेगी।
आँखों की
आँखों से
गुजारिश-ए-गुफ्तगू हो जायेगी।
सिग्नल होते ही
दिल्ली से
चंडीगढ़ की
ट्रेन आ जायेगी।
और फिर
वो मुस्करायेगी,
पलकें झुकायेगी
और
चली जायेगी।
---किशन सर्वप्रिय
जिंदगी
इस कदर
शायराना हो जायेगी।
स्टेशन
पहुँचने से पहले
गाड़ी रवाना हो जायेगी।
प्लेटफार्म पर खड़ी
गजल से
मुलाकात हो जायेगी।
आँखों की
आँखों से
गुजारिश-ए-गुफ्तगू हो जायेगी।
सिग्नल होते ही
दिल्ली से
चंडीगढ़ की
ट्रेन आ जायेगी।
और फिर
वो मुस्करायेगी,
पलकें झुकायेगी
और
चली जायेगी।
---किशन सर्वप्रिय
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