अल्लाह के बन्दे ,
अंधे हैं हम।
रोजाना चोरी,
करते हैं हम।
छोटी-छोटी बातों पे,
झगड़ते हैं हम।
खास पड़ौसी से,
लड़ते हैं हम।।
लेकिन
देश प्रेम,
रखते हैं हम।
बलिदान लहू का,
करते हैं हम।
तिरंगा ऊँचा,
रखते हैं हम।
--- किशन सर्वप्रिय
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